________________
भूगोल - विज्ञान - समीक्षा
[ प्राचीन एवं अर्वाचीन भौगोलिक विचारों का मार्मिक मन्थन ]
यदस्ति सत्यं किल भासमानं, तदेव नित्यं हृदि नश्श्र्चकास्तु । -: निबन्धक :पूज्य मुनि श्रीश्रभयसागरजी महाराज के निर्देशानुसार
पूज्य मुनि श्री क्षमासागरजी महाराज
-: सम्पादक :
-
पं० रुद्रदेव त्रिपाठी साहित्यसांख्ययोगाचार्य एम० ए० (संस्कृत-हिन्दी), बी० एड, साहित्यरत्नादि, संचालक - साहित्य-संवर्धन-संस्थान, मन्दसौर म० प्र०
-: प्रकाशक :
पूनमचन्द पानाचन्द शाह
कार्यवाहक – जम्बूद्वीप-निर्माण-योजना, कपड़वंज (गुजरात )
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com