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________________ कृष्ण '-उत्तर कोशल -पटना कुण्डलमेण्ठ ५२ कुंजरावतं कुण्डग्राम ८, २८, २९ कुंथलगिरि -कुण्डपुर कुंभकर्ण बसुकुण्ड कुंभकारकृत कुण्डलपुर -दण्डकारण्य कुण्डाग ११ कुंभारप्रक्षेप कुण्डिन नगर ६१ -वीतिभय पट्टन कुन्तल ६७ कविय संनिवेश कुमारपाल ४९, ५०, ५२ कूणिक (देखो अजातशत्रु) कुमार श्रमण (केजी) ६ कुमाराय संनिवेस ६, ९ कृष्ण (देखो कन्हन) कुमारी पर्वत–उदयगिरि ३० केकय कुम्मार गाम ८ केकयी अर्ध कुम्म गाम केदार कुरु १६, १९, ३५, ४६, ४७ केवट्ट द्वार ४२, ४६ केवल ज्ञान १२, ३८, ४०, ४१ कुरुक्षेत्र ४८ केशीकुमार २,६,७,४० कुलभूषण ६३ केसरीया जी कुलुहा २६ कोच्छ कुल्पाक कोटिवर्ष १६,१८,३२,३९ कुश ५३ कोडगू (देखिये कुडुक्क) कुशस्थल ४३ कोडिबरिसिया १७, ३२ -कान्यकुब्ज कोडिय गण कुशस्थली कोडंबाणी -द्वारका कोपारी कुशाग्रपुर-राजगृह कोमलिया कुशातं (दो कुशात) ४३, ४४, ४९ कोमिल्ला १८, ३४ कुशावर्त १६ कोली कुशीनारा २१, ३५, ३६, ४१ कोल्लाक संनिवेश -कुसावती. कोल्लाग संनिवेश --कसया कोल्हापुर कुसुमपुर २१, ६६ कोल्हुआ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com कुरु जांगल raam mm" २९
SR No.034773
Book TitleBharat ke Prachin Jain Tirth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherJain Sanskriti Sanshodhan Mandal
Publication Year1952
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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