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( ५ ) श्रेणिकचरित्र (हिन्दी)
उपरोक्त साहित्य के सिवा कई अंग्रेजी, बङ्गला ग्रन्थों और सामयिक पत्रों से भी सहायता मिली है । जिसके लिए लेखक उन सब रचयिताओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है।
शान्ति मन्दिर भानपुरा। श्रावणीपूाणमा १९८१
__ 'चन्द्रराज भण्डारा विशारद
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