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________________ पहला अध्याय R LALX उस समय का भारतवर्ष Care भगवान महावीर के समय में भारतवर्ष तीन बड़े भागों में . बँटा हुआ था। उसमें से बीच वाला भाग “मझिम देश" (मध्यदेश) कहलाता था। मनुस्मृति के अनुसार हिमालय और विन्ध्याचल के बीच तथा सरस्वती नदी के पूर्व और प्रयाग के पच्छिम वाले प्रान्त को मध्यदेश कहते हैं। इस मध्यदेश के उत्तर वाले प्रान्त को "उत्तरा-पथ" और दक्षिण वाले प्रान्त को "दक्षिण पथ" कहते थे । इन सब प्रान्तों में उस समय भिन्न भिन्न राजा राज्य करते थे। साम्राज्य का कुछ भी संगठन नहीं था, उस समय के प्रसिद्ध राज्यों में से चार राज्यों का विशेष रूप से उल्लेख मिलता है : १-मगध-इसकी राजधानी राजगृह थी। यही बाद को “पाटलिपुत्र" बन गई। यहां पहले राजा बिम्बसार ने राज्य किया और उसके पश्चात् उसके पुत्र अजातशत्रु ने । इस वंश का प्रवर्तक शिशु नाग नामक एक राजा था । बिम्बसार इस वंश का पांचवां राजा था, उसने अंगदेश अर्थात मंगेर और भागल पुरको जीतकर अपने राज्य में मिला लिया । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034764
Book TitleBhagwan Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraraj Bhandari
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1925
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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