SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 309
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बौद्ध-कालीन भारत २८२ की अधीनता स्वीकृत कर ली थी। पर प्रसिद्ध इतिहासज्ञ परलोकवासी विन्सेन्ट स्मिथ ने पूरी तरह से इस मत का खण्डन कर दिया है। उनका मत है कि भारतवर्ष पर यूनानी सभ्यता का जो प्रभाव पड़ा, वह न पड़ने के समान था। इस संबंध में उन्होंने जो कुछ लिखा है, उस का सारांश यहाँ दिया जाता है । "कुछ लेखकों का विचार है कि मौर्य साम्राज्य पर सिकंदर के आक्रमण का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा; पर यह ठीक नहीं है । भारतवर्ष में सिकंदर केवल उन्नीस महीने रहा। ये उन्नीस महीने भी सिर्फ लड़ाई झगड़े और भयानक मारकाट में बीते। भारतवर्ष में अपना साम्राज्य खड़ा करने का जो कुछ उसका विचार रहा हो, पर वह उसकी मृत्यु के बाद बिलकुल निष्फल हो गया। उसकी मृत्यु के दो वर्ष के अन्दर ही वे सब यूनानी निकाल बाहर किये गये, जिन्हें सिकन्दर पश्चिमोत्तर प्रान्त तथा पंजाब पर यूनानी शासन स्थिर रखने के लिये छोड़ गया था। सिकंदर के आक्रमण का और उसके प्रभाव का यदि कोई चिह्न बाकी है, तो वह केवल थोड़े से सिक्कों में है, जिन्हें पश्चिमोत्तर प्रांत के सौभूति नामक भारतीय राजा ने गढ़वाया था। ये सिके यूनानी सिकों की नकल हैं ।" सिकन्दर की मृत्यु के बीस वर्ष बाद सेल्यूकस ने सिकंदर के धावे का अनुकरण किया । पर सेल्यूकस की सेना चन्द्रगुप्त की सेना के मुकाबले में न ठहर सकी । सेल्यूकस को लाचार होकर पीछे हटना पड़ा। चन्द्रगुप्त के साथ उसी की शर्तों के मुता ___ *v. Smith's Early History of India; pp. 225-29. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034762
Book TitleBauddhkalin Bharat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJanardan Bhatt
PublisherSahitya Ratnamala Karyalay
Publication Year1926
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy