SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 307
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बौद्ध-कालीन भारत २८० यूक्रेटाइडीज़ के उत्तराधिकारी-यूक्रेटाइडीज़ के बाद उसके तथा यूथिडेमस के वंश के बहुत से छोटे छोटे यूनानी राजा हुए, जिन्होंने बैक्ट्रिया, काबुल, पंजाब और सिंध को आपस में बाँट लिया । सिक्कों से इस तरह के कम से कम ४० यूनानी राजाओं के नाम मिलते हैं। उनमें से उल्लेख योग्य केवल तीन ही हैं-एक मिलिंद (मिनैंडर), दूसरा एंटिएल्काइडस और तीसरा हमेअस । मिलिन्द (मिनेन्डर)-ऊपर लिखा जा चुका है कि मिलिन्द ने, ई०पू० १५५ के लगभग, पुष्यमित्र के राज्य पर हमला करके सुराष्ट्र (काठियावाड़), मथुरा तथा सिंधु नदी के मुहानेवाला प्रान्त अपने राज्य में मिला लिया था। उसने ई० पू० १६० से १४० तक काबुल और पंजाब पर राज्य किया । वह बौद्ध धर्मावलंबी था। यही एक ऐसा यूनानी राजा है, जिसका नाम भारतवर्ष के प्राचीन साहित्य में मिलता है । "मिलिन्दपन्हो" पाली साहित्य का एक बहुत ही उत्तम रत्न है। उसमें मिलिन्द बौद्ध भिक्षु नागसेन से शंकाएँ तथा प्रश्न करता है और नागसेन उन शंकाओं का समाधान करता है। पंजाब में इस राजा की राजधानी शाकल या सागल थी। आजकल का स्यालकोट ही कदाचित् प्राचीन शाकल है। एन्टिएल्काइडस-इस राजा का नाम ग्वालियर रियासत में भेलसा के पास बेसनगर के एक शिलालेख में मिला है। यह शिलालेख एक स्तंभ पर खुदा है। इस से पता लगता है कि यह स्तंभ श्रीकृष्ण (वासुदेव) भगवान् के प्रीत्यर्थ स्थापित किया गया था । यह स्तंभ तक्षशिला-निवासी, डीओन के पुत्र, हेलिओडोरस की आज्ञा से बनाया गया था। इस हेलिओडोरस को Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034762
Book TitleBauddhkalin Bharat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJanardan Bhatt
PublisherSahitya Ratnamala Karyalay
Publication Year1926
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy