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________________ चौर कालीन भारत २७८ ३२६ में वह भारतवर्ष से वापस गया, तब उसके अधीन भारतवर्ष के तीन प्रान्त थे-सिन्धु नदी के पश्चिम का देश परोपनिसदै, पंजाब और सिन्ध । पर दस ही वर्ष के अन्दर ये तीनों प्रान्त यूनानी सत्ता से निकलकर फिर से स्वाधीन हो गये। सिकन्दर के अनन्तर सीरिया देश के सेल्यूकस नामक यूनानी राजा ने ई० पू० ३०५ में फिर से भारत के उन भागों पर आक्रमण करना चाहा; पर बली चन्द्रगुप्त मौर्य के सामने उसका बस न चल सका । अन्त में काबुल, कन्धार और हिरात ये तीन प्रान्त थता अपनी बेटी एथीना चन्द्रगुप्त को देकर उसे सन्धि कर लेनी पड़ी। ये प्रान्त चन्द्रगुप्त, बिन्दुसार और अशोक इन तीन मौर्य राजाओं के अधीन रहे । यूनानी इतिहास-लेखकों के इतिहासों से पता चलता है कि सेल्यूकस का राज्य भूमध्य सागर से हिन्दूकुश तक था । उसका देहान्त ई० पू० २६२ या २६१ में हुआ। ___एन्टिओकस थीप्रस-सेल्यूकस के बाद उसका पोता एन्टिओकस थीअस उसका उत्तराधिकारी हुआ। वह बहुत ही दुराचारी और कमजोर बादशाह था। उसके सनय में सेल्यूकस के स्थापित किये हुए साम्राज्य से बैक्ट्रिया और पार्थिया ये दो बड़े बड़े प्रान्त स्वतन्त्र हो गये । बैक्ट्रिया का प्रान्त अफगानिस्तान के उत्तर में ओक्सर (अमू ) नदी और हिन्दूकुश पर्वत के बीच में था। इसे आजकल बलन कहते हैं । पार्थिया का प्रान्त फारस के रेगिस्तान के उस ओर कैस्पियन सागर के दक्षिण-पूर्व में था। उस समय बलन का प्रान्त बहुत सभ्य था और उसमें लगभग एक सहस्र बड़े बड़े नगर थे। डिप्रोडोटस प्रथम-बैट्रिक्या में सिल्यूकस के साम्राज्य के Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034762
Book TitleBauddhkalin Bharat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJanardan Bhatt
PublisherSahitya Ratnamala Karyalay
Publication Year1926
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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