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पाठवाँ अध्याय प्राचीन बौद्ध काल के प्रजातन्त्र राज्य बुद्ध के समय में प्रजातन्त्र राज्य-शाक्यों का प्रजातंत्र राज्यवजियों का प्रजातंत्र राज्य-सिकन्दर के समय में प्रजातन्त्र राज्यआरट्ट (भराष्ट्रक)-मालव और क्षुद्रक-क्षत्रिय (क्षत्रोई)-अगलस्सोई-नीसाइअन-सब-कौटिलीय अर्थशास्त्र में प्रजातन्त्र राज्य -प्रजातन्त्र राज्यों की विशेषताएँ-मौर्य काल में प्रजातन्त्र राज्यों का हास ।
पृष्ठ १४२ से १५४ नवाँ अध्याय मौर्य साम्राज्य की शासन पद्धति सेना विभाग-सैनिक मंडल-सेना की भर्ती-सेना के अस्त्र शस्त्र | दुर्ग या किले-नगर-शासन विभाग-नगर-शासक-मंडल-प्रान्तीय शासन विभाग-गुप्तचर विभाग-कृषि विभाग-नहर विभाग-व्यापार और वाणिज्य विभाग–नौ विभाग-शुल्क विभाग (चुंगी का महकमा)आकर विभाग (खान का महकमा)-सूत्र विभाग (बुनाई का महकमा) -सुरा विभाग (माबकारी का महकमा)-पशु-रक्षा विभाग-मनुष्यगणना विभाग-आय-व्यय विभाग-परराष्ट्र विभाग-न्याय विभाग ।
पृष्ठ १५५ से १८९ दसवाँ अध्याय प्राचीन बौद्ध काल के राजनीतिक विचार एक तन्त्र राज्य-प्रणाली-राजा की आवश्यकता-मात्स्य-न्यायसामाजिक समय या पट्टा-राजा नर रूप में देवता है-राजा पर अंकुश या दबाव-प्रजा-तन्त्र राज्य-प्रणाली-व्यापारिक संघराजनीतिक संघ-संघों या गण राज्यों की शासन-व्यवस्था-परिषद्परिषद् में प्रस्ताव का नियम-बहुमत-अनुपस्थित सभ्यों की रायShree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com