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तीसरा अध्याय
जैन धर्म का प्राचीन इतिहास जैन धर्म की स्थापना-जैन धर्म की प्राचीनता-जैन धर्म के चौबीस तीर्थकर तेईसवें तीर्थकर पार्श्वनाथ-महावीर स्वामी की जीवनीमहावीर स्वामी का निर्वाण-जैन धर्म के सिद्धांत-श्वेतांबर और दिगंबर संप्रदाय-ईसवी सन् के बाद जैन धर्म की स्थिति । पृष्ठ २६ से ३७
चौथा अध्याय
गौतम बुद्ध की जीवनी बुद्ध का जन्म-बुद्ध का विवाह और वैराग्योत्पत्ति-राहुल का जन्म-महाभिनिष्क्रमण (गृह-त्याग) बुद्ध की तपस्या-मार का भाक्रमण और बुद्ध-पद की प्राप्ति-बुद्ध का प्रथम उपदेश-बुद्ध का प्रथम शिष्य-बौद्ध संघ का संघटन-काश्यप का धर्म-परिवर्तनजन्मभूमि में बुद्ध का आगमन-त्रयस्त्रिंश स्वर्ग से अवतरण-नालगिरि हाथी का दमन-वेश्या के यहाँ निमन्त्रण-निर्वाण-अंतिम संस्कारअस्थियों का बंटवारा-उक्त जीवनी का ऐतिहासिक सार। पृष्ठ ३८ से ६१
पाँचवाँ अध्याय गौतम बुद्ध के सिद्धान्त और उपदेश मार्य सत्य-चतुष्टय-मध्यम पथ-भविद्या-आत्मनिरोध और आत्मोन्नति-निर्वाण या तृष्णा-क्षय-कर्म और पुनर्जन्म-प्रज्ञा या ज्ञान यज्ञ-अनीश्वर वाद-मैत्री आदि भावनाएँ-जाति-भेद-माता-पिता
और सन्तान-गुरु और शिष्य-पति और पती-मित्र और साथीस्वामी और सेवक-गृहस्थ और मिथु बामण । पृष्ठ ६९ से ८६ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com