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निर्गुणं निर्मलं शान्तं जङ्गमं स्थिरमेव च। व्याप्तं येन जगत्सर्व तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
अर्थ--निर्गुण, निर्मल, शान्ति स्वरूप परमात्म तत्व को, जिससे सारा स्थावर और जंगम जगत व्याप्त है, दिखलाने वाले श्री गुरुदेव को नमस्कार हो ।
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