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लिये समर्पित करता हूँ। राजयोग अथवा प्राकृतिक योग सब योगों में श्रेष्ठ है।
सद्गुरु भगवान् पर अस्खलित श्रद्धा एवं भक्ति रखने से, हृदय में प्रेम रख कर उनकी आज्ञा सम्पूर्ण रूप से मानने से, धीरे धीरे सद्गुरु भगवान् की कृपा से मुझे मोक्ष-लाभ होगा।
हे प्रभो! आपको समझने के लिये लाखों जन्म की आवश्यकता है। यदि आपकी कृपा हो जाय तो सहज ही आपको समझा जा सकता है। आपके वचनों में सभी शास्त्रों का समावेश हो जाता है। आपका ध्येय विश्वप्रेम है । जाति धर्म और देश का भेदभाव न रखते हुए आप सभी को अपनाते हैं। __जो संसार में श्रेष्ठ योगिराज हैं ऐसे गुरुदेव भगवान् को, पाश्चात्य विद्वान् एवं तत्त्वज्ञानी आकर, सिर झुकाते हैं, यह मैंने स्वयं देखा है।
अतः मैं प्रेमपूर्वक प्रत्येक मित्र तथा यात्री का ध्यान आकृष्ट करता हूँ कि यदि श्री सद्गुरु भगवान् की भक्ति और उनकी दया प्राप्त हो जाय तो संसार की यात्रा का ध्येय पूर्ण हो जाता है।
ज्योर्ज ज्युटजेलर (स्वीट्जरलैंड)
First of all my humble homage and salutation to His Holiness Jagatguru Acharya Samrat Shri Vijay Shanti Surishwarji Bhagwan, the greatest Yogiraj in the world to whose holy feet I present my soul for Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com