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मंदिरके बाहर एक लेख लगा हुआ है जिसमें लिखा है कि महाराव उदयसिंहकेराज्य समय वि० सं० १६१३ (ई० स० १५५७) वैशाखसुदि ३ को बाई पार्वती तथा चंपाबाईने यहांकी सीढियाँ बनवाई।
वास्थानजी-आबूके उत्तरकी तरफके तलावमें शेरगांवकी तरफ बहुत नीचे उतरनेपर वास्थानजी नामक रमणीयस्थान आता है । जहांपर १८ फीट लंबी १२ फीट चौडी और ६ फीट ऊंची गुफाके भीतर एक विष्णुकी मूर्ति है उसके निकट शिवलिंग पार्वती तथा गणपतिकी मूर्तियां हैं । गुफाके बाहर गणेश भैरव वराह अवतार ब्रह्मा आदिकी मूर्तियां हैं.
उपरोक्त स्थानोंके सिवाय आबू पर्वतपर तथा उसके तलावोंमें अनेक पवित्र धर्मस्थान हैं जहांपर प्रतिवर्ष बहुतसे लोग यात्राके निमित्त जाते हैं।
आबुके सिवाय सिरोही राज्यमें मीरपुर गोल ऊथमण पालडी वागीन जावाल कालीद्री आदि अनेक ऐसे स्थल हैं जहांपर प्राचीनकालके बनेहुए मंदिर तथा १२ वी शताब्दीसे लगाकर १४ वी शताब्दीतकके शिलालेख मिलते हैं परन्तु उन सबका विवरण इस छोटेसे प्रकरणमें लिखना उचित नहीं समझा गया ॥*
___ * रायबहादुर पंडित गौरीशंकर ओझा संगृहीत "सीरोही राज्य का इति
हास" इस नामके पुस्तकसे उदृत ॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com