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आगम सूत्र १५, उपांगसूत्र-४, 'प्रज्ञापना'
पद/उद्देश /सूत्र (उन से) विशेषाधिक हैं। सूत्र-२६१
भगवन् ! नारकों, तिर्यंचों, मनुष्यों, देवों और सिद्धों की पाँच गतियों की अपेक्षा से संक्षेप में कौन किनसे अल्प हैं, बहुत हैं, तुल्य हैं अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े मनुष्य हैं, नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, देव असंख्यातगुणे हैं, देव असंख्यातगुणे हैं, उनसे सिद्ध अनन्तगुणे हैं और (उनसे भी) तिर्यंचयोनिक जीव अनन्तगुणे हैं। भगवन् ! इन नैरयिकों, तिर्यंचों, तिर्यंचनियों, मनुष्यों, मनुष्यस्त्रियों, देवों, देवियों और सिद्धों का आठ गतियों की अपेक्षा से, संक्षेप में, कौन किनसे अल्प है, बहुत है, तुल्य है अथवा विशेषाधिक है ? गौतम ! सबसे कम मानुषी हैं, मनुष्य असंख्यातगुणे हैं, नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, तिर्यंचनियाँ असंख्यातगुणी हैं, देव असंख्यातगुण हैं, देवियाँ संख्यातगुणी हैं, सिद्ध अनन्तगुणे हैं, और (उनसे भी) तिर्यंचयोनिक अनन्तगुणे हैं। सूत्र-२६२
____ भगवन् ! इन इन्द्रिययुक्त, एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पंचेन्द्रिय और अनिन्द्रियों में कौन किन से अल्प, बहत, तुल्य और विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े पंचेन्द्रिय जीव हैं, चतुरिन्द्रिय जीव विशेषाधिक हैं, त्रीन्द्रिय जीव विशेषाधिक हैं, द्वीन्द्रिय जीव विशेषाधिक हैं, अनिन्द्रिय जीव अनन्तगुणे हैं, एकेन्द्रिय जीव अनन्तगुणे हैं और उनसे इन्द्रियसहित जीव विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन इन्द्रियसहित, एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और पञ्चेन्द्रिय अपर्याप्तकों में यावत् कौन विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े पंचेन्द्रिय अपर्याप्तक हैं, चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, त्रीन्द्रिय अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, द्वीन्द्रिय अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, एकेन्द्रिय अपर्याप्तक अनन्तगुणे हैं और (उनसे भी) इन्द्रियसहित अपर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन इन्द्रियसहित, एकेन्द्रिय यावत् पंचेन्द्रिय पर्याप्तक जीवों में यावत् कौन विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे कम चतु-रन्द्रिय पर्याप्तक जीव हैं, पंचेन्द्रिय पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं, द्वीन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, त्रीन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, एकेन्द्रिय पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं और उनसे भी इन्द्रियसहित पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं।
भगवन् ! सेन्द्रिय पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन यावत् विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े सेन्द्रिय अपर्याप्तक हैं, (उनसे) सेन्द्रिय पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं । भगवन् ! इन एकेन्द्रिय पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन यावत विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे अल्प एकेन्द्रिय अपर्याप्तक हैं, (उनसे) ए संख्यातगणे हैं। भगवन ! पर्याप्तक और अपर्याप्तक दीन्द्रिय जीवों में कौन यावत विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे कम द्वीन्द्रिय पर्याप्तक हैं, (उनसे) द्वीन्द्रिय अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं । -इसी तरह पंचेन्द्रिय तक के विषय में अल्पबहुत्व समझना।
___ भगवन् ! इन सेन्द्रिय, एकेन्द्रिय, यावत् पंचेन्द्रिय के पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प, बहत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे अल्प चतुरिन्द्रिय पर्याप्तक हैं। पंचेन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं। द्वीन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं । त्रीन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं | पंचेन्द्रिय अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं । चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं । त्रीन्द्रिय अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं । द्वीन्द्रिय अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं । एकेन्द्रिय अपर्याप्तक अनन्तगुणे हैं । सेन्द्रिय अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं । एकेन्द्रिय पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं, सेन्द्रिय पर्याप्तक विशेषाधिक हैं (तथा उनसे भी) सेन्द्रिय विशेषाधिक हैं। सूत्र-२६३
भगवन् ! इन सकायिक, पृथ्वीकायिक यावत् त्रसकायिक और अकायिक जीवों में से कौन यावत् विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे अल्प त्रसकायिक हैं, तेजस्कायिक असंख्यातगुणे हैं, पृथ्वीकायिक विशेषाधिक हैं, अप्कायिक विशेषाधिक हैं, वायुकायिक विशेषाधिक हैं, अकायिक अनन्तगुणे हैं, वनस्पतिकायिक अनन्तगुणे हैं, और (उनसे भी) सकायिक विशेषाधिक हैं | भगवन् ! इन सकायिक, पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक और त्रसकायिक अपर्याप्तकों में से कौन यावत् विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सब से थोडे त्रसकायिक अपर्याप्तक हैं, तेजस्कायिक
मुनि दीपरत्नसागर कृत् “ (प्रज्ञापना) आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद"
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