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________________ आगम सूत्र ९, अंगसूत्र-९, 'अनुत्तरोपपातिकदशा' वर्ग/अध्ययन/ सूत्रांक सूत्र-२ इसी प्रकार शेष नौ अध्ययनों में भी जानना । विशेषता इतनी की अवशिष्ट कुमारों में से सात धारिणी देवी के पुत्र थे, वेहल्ल और वेहायस कुमार चेल्लणा देवी के पुत्र थे । पहले पाँच ने सोलह वर्ष तक, तीन ने बारह वर्ष और दो ने पाँच वर्ष तक संयम-पर्याय का पालन किया था । पहले पाँच क्रम से विजय, वैजयन्त, जयन्त, अपराजित और सर्वार्थसिद्ध विमानों में, दीर्घदन्त सर्वार्थसिद्ध में और अभयकुमार विजय विमान में उत्पन्न हुए और शेष प्रथम अध्ययन अनुसार जानना । अभयकुमार के विषय में इतनी विशेषता है कि वह राजगृह नगर में उत्पन्न हुआ था और श्रेणिक राजा तथा नन्दादेवी उसके पिता-माता थे। शेष पूर्ववत् । हे जम्बू ! श्रमण भगवान महावीर स्वामी ने अनुत्तरोपपातिक-दशा के प्रथम वर्ग का यह अर्थ प्रतिपादन किया है। वर्ग-१-का मुनि दीपरत्नसागर कृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण मुनि दीपरत्नसागर कृत्' (अनुत्तरोपपातिकदशा)- आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद" Page 6
SR No.034676
Book TitleAgam 09 Anuttaropapatik Sutra Hindi Anuwad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDipratnasagar, Deepratnasagar
Publication Year2019
Total Pages13
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 09, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size2 MB
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