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आगम सूत्र ५, अंगसूत्र-५, 'भगवती/व्याख्याप्रज्ञप्ति-1' शतक/ शतकशतक/उद्देशक/ सूत्रांक
भगवन् ! ज्ञानावरणीयकार्मणशरीर के इन देशबंधक और अबंधक जीवों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! तैजसशरीरप्रयोगबंध के समान कहना । इसी प्रकार आयुष्य को छोड़ कर अन्तरायकार्मणशरीरप्रयोगबंध तक के देशबंधको और अबंधको के अल्पबहुत को कहना । भगवन् ! आयुष्यकार्मणशरीरप्रयोगबंध के देशबंधक और अबंधक जीवों में कौन किससे यावत् विशेषाधिक हैं ? गौतम ! आयुष्यकर्म के देशबंधक जीव सबसे थोड़े हैं, उनसे अबंधक जीव संख्यातगुणे हैं। सूत्र - ४२८
भगवन ! जिस जीव के औदारिकशरीर का सर्वबंध है, वह जीव वैक्रियशरीर का बंधक है, या अबंधक ? गौतम ! यह बंधक नहीं, अबंधक है । भगवन् ! आहारकशरीर का बंधक है, या अबंधक ? गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है। भगवन तैजसशरीर का बंधक है, या अबंधक ? गौतम! वह बंधक है, अबंधक नहीं है।
भगवन् ! यदि वह तैजसशरीर का बंधक है, तो क्या वह देशबंधक है या सर्वबंधक है ? गौतम ! वह देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं है।
भगवन् ! औदारिकशरीर का सर्वबंधक जीव कार्मणशरीर का बंधक है या अबंधक ? गौतम ! जैसे तैजसशरीर के समान यहाँ भी देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं है।
भगवन् ! जिस जीव के औदारिकशरीर का देशबंध है, भगवन् ! वह वैक्रियशरीर का बंधक है या अंबधक ? गौतम ! बंधक नहीं, अबंधक है। सर्वबंध के समान देशबंध के विषय में भी कार्मणशरीर तक कहना । भगवन् ! जिस जीव के वैक्रियशरीर का सर्वबंध है, क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक ? गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है। इसी प्रकार आहारकशरीर में कहना । तैजस और कार्मणशरीर के विषय में औदारिकशरीर के समान वह देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं तक कहना।
भगवन् ! जिस जीव के वैक्रियशरीर का देशबंध है, क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है, अथवा अबंधक है ? गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है । जैसा वैक्रियशरीर के सर्वबंध के विषय में कहा, वैसा ही यहाँ भी देशबंध के विषय में कार्मणशरीर तक कहना चाहिए।
भगवन् ! जिस जीव के आहारकशरीर का सर्वबंध है, तो भंते ! क्या वह जीव औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक है ? गौतम ! वह बंधक नहीं है, अबंधक है । इसी प्रकार वैक्रियशरीर के विषय में कहना चाहिए । तैजस और
कशरीर के साथ कहा, वैसे यहाँ भी कहना चाहिए । भगवन् ! जिस जीव के आहारकशरीर का देशबंध है, तो भंते ! क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक है ? गौतम ! आहारकशरीर के सर्वबंध की तरह देशबंध के विषय में भी कार्मणशरीर तक कहना चाहिए।
भगवन् ! जिस जीव के तैजसशरीर का देशबंध है, तो भंते ! क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक है ? गौतम ! वह बंधक भी है, अबंधक भी है । भगवन् ! यदि वह औदारिक शरीर का बंधक है, तो क्या वह देशबंधक है अथवा सर्वबंधक है ? गौतम ! वह देशबंधक भी है, सर्वबंधक भी है । भगवन् ! वैक्रियशरीर का बंधक है, अथवा अबंधक है ? गौतम ! पूर्ववत् जानना । इसी प्रकार आहारकशरीर के विषय में भी जानना।
भगवन् ! (तैजसशरीर का बंधक जीव) कार्मणशरीर का बंधक है, या अबंधक है ? गौतम ! वह बंधक है, अबंधक नहीं है । भगवन् ! यदि वह कार्मणशरीर का बंधक है तो देशबंधक है, या सर्वबंधक है ? गौतम ! वह देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं है।
भगवन् ! जिस जीव के कार्मणशरीर का देशबंधक है, भंते ! क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक है ? गौतम ! जिस प्रकार तैजसशरीर की वक्तव्यता है, उसी प्रकार कार्मणशरीर की भी देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं है, तक कहना चाहिए। सूत्र-४२९
भगवन ! इन औदारिक, वैक्रिय, आहारक, तैजस और कार्मणशरीर के देशबंधक, सर्वबंधक और अबंधक
मुनि दीपरत्नसागर कृत् "(भगवती) आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद"
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