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________________ आगम सूत्र ३, अंगसूत्र-३, 'स्थान' स्थान/उद्देश/सूत्रांक देवताओं की उत्कृष्ट स्थिति दो सागरोपम की कही गई है । ईशान कल्प में देवताओं को उत्कृष्ट किंचित् अधिक दो सागरोपम की स्थिति कही गई है । सनत्कुमार कल्प में देवों की जघन्य दो सागरोपम की स्थिति कही गई है। माहेन्द्र कल्प में देवों की जघन्य स्थिति किंचित् अधिक दो सागरोपम की कही गई है। सूत्र - १२२ दो देवलोक में देवियाँ कही गई है, यथा-सौधर्म और ईशान । सूत्र-१२३ दो देवलोक में तेजोलेश्या वाले देव हैं, सौधर्म और ईशान । सूत्र-१२४ दो देवलोक में देव कायपरिचारक (मनुष्य की तरह विषय सेवन करने वाले) कहे गए हैं, यथा-सौधर्म और ईशान, दो देवलोक में देव स्पर्श-परिचारक कहे गए हैं, यथा-सनत्कुमार और माहेन्द्र । दो कल्प में देव रूप-परिचारक कहे गए हैं, यथा-ब्रह्म लोक और लान्तक । दो कल्प में देव शब्द-परिचारक कहे गए हैं, यथा-महाशुक्र और सहस्रार । दो इन्द्र मनः परिचारक कहे गए हैं, यथा-प्राणत और अच्युत । आनत, प्राणत, आरण और अच्युत इन चारों कल्पों में देव मनःपरिचारक हैं, परन्तु यहाँ द्विस्थान का अधिकार होने से दो इंदा ऐसा पद दिया है, क्योंकि इन चारों कल्पों में दो इन्द्र हैं। सूत्र - १२५ जीव ने द्विस्थान निर्वर्तक (अथवा इन कथ्यमान स्थानों में जन्म लेकर उपार्जित अथवा इन दो स्थानों में जन्म लेने से निवृत्ति होने वाले) पुद्गलों को पापकर्मरूप से एकत्रित किये हैं, एकत्रित करते हैं और एकत्रित करेंगे, वे इस प्रकार हैं, यथा-त्रसकाय निवर्तित और स्थावरकाय निवर्तित । इसी तरह उपचय किये, उपचय करते हैं और उपचय करेंगे, बाँधे, बाँधते हैं और बाँधेगे, उदीरणा की, उदीरणा करते हैं और उदीरणा करेंगे, वेदन, वेदन करते हैं और वेदन करेंगे, निर्जरा की, निर्जरा करते हैं और निर्जरा करेंगे। सूत्र-१२६ दो प्रदेश वाले स्कन्ध अनन्त कहे गए हैं। दो प्रदेश में रहने वाले पुद्गल अनन्त कहे गए हैं । इस प्रकार यावत् द्विगुण रूक्ष पुद्गल अनन्त कहे गए हैं। स्थान-२ का मुनि दीपरत्नसागर कृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण मुनि दीपरत्नसागर कृत् " (स्थान)- आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद" Page 26
SR No.034669
Book TitleAgam 03 Sthanang Sutra Hindi Anuwad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDipratnasagar, Deepratnasagar
Publication Year2019
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 03, & agam_sthanang
File Size4 MB
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