________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
हस्सा, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १८९ ॥ १७ ॥ संतिस्स णं अरहओ जाव-सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे चउभागूणे पलिओवमे विइक्कंते पन्नाद्रं च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९० ॥ १६ ॥ धम्मस्स णं अरहओ जाव-सव्वदुक्खप्पहीणस्स तिणि सागरोवमाइं विइक्वंताई पन्नzि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९१ ॥ १५ ॥ अणंतस्स णं अरहओ जाव-सव्वदुक्खप्पहीणस्स सत्त सागरोवमाई विइकंताई पन्नद्रिं च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९२ ॥ १४ ॥ विमलस्स णं अरहओ जाव-सव्वदुक्खप्पहीणस्स सोलस सागरोवमाइं विइकताइं पन्नहिँ च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९३ ॥ १३ ॥ वासुपुज्जस्स णं अरहओ जाव-सव्वदुक्खप्पहीणस्स छायालीसं सागरोवमाई विइकंताई पन्नट्टि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९४ ॥ १२ ॥ सिजंसस्स णं अरहओ जावसबदुक्खप्पहीणस्स एगे सागरोवमसए विइकते पन्नहि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९५ ॥ ॥ ११ ॥ सीअलस्स णं अरहओ जाव-सबदुक्खप्पहीणस्स एगा सागरोवमकोडी तिवास
For Private and Personal Use Only