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पुणरवि लोयंतिएहिं जियकप्पिएहिं देवेहि' ताहि इटाहिं जावं एवं क्यासी-जय जय नंदा जय जय भद्दा, भदं ते जाव जय जय सदं पउंजति॥१५२॥ पुचि पिणं पासस्स अरहओ पुरिसादाणियस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अयुत्तरे आहोहियए तं चेव सव्वं जाव दायं दाइयाणं परिभाएत्ता जे से हेमंताणं दोचे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले तस्स णं पोसबहुलस्स एक्कासीदिवसेणं पुव्वण्हेकालसमयसि विसालाए सिवियाए सदेवमणुयासुराए परिसाए तं चैव सव्वं नवरं वाणारसि नगरि मज्झं मज्झेणं निग्गच्छइ, नि २ ता जेणेव आसमपए उजाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवाच्छइ, तेणेव २ ता असोगवरपायवस्सं अहे सीयं ठावेइ, २ त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ, सी २ ता सयमेव आभरणमल्लालंकार ओमुंयति,
ओ २ ता सयमेव पंचमुट्टियं लोय करेइ, पं० लोयं करित्ता अट्टमेणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेण जोगमुवागएणं एगं देवदूसमायाय तिहिं पुरिससएहिं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पबहए ॥१५३॥
___पासे णं अरहा पुरिसादाणीए तेसीई राइंदियाई निचं वोसटुकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पजंति, तं जहा-दिव्वा वा माणुस्सा वा तिरिक्खजोणिया वा, अणुलोमा वा पडिलोमा वा, ते उप्पन्ने सम्म सहइ तितिक्खइ खमइ अहियासेइ ॥ १५४ ॥ तए णं से
१ देवेहि जाम जयमयसह पउंति, ताहि इटाहिं जान भविस्सा प्ति कट्ट। पुटिंध का २ जाय भविसति ति कट । पुलिंब च । ३ भणुतरे अधोहिप णाणसणे होन्था, तते ॥ पासे अरहा पुरिसादाणिप तेण अणुत्तरेणं अधोहिरण णाणदसणेणं अपणो णिवस्त्रमणकालं आभोपति, २ साच्चा हिरणं जाय परियामापत्ता च-छ। ४०सीपक्खेण -छ। हदेसकाल ॥ ६ सीयार छ। ७ साए समणुगम्ममाणमम्गे संखिय जाय वाणासीय मगरीप मछ॥ ८०स्स हेदा सौर्य च-8।। ९०रणालं० व ॥ १.०काराई मो० ॥११०९चति ॥
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