SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ या-पोसवालों का इतिहास। होते हैं एक पान में उनके बुरे दिन भी मले। सब जगह सब काम में रहते हैं वे फूले फले। बात है वह कौन होती जो नहीं उनके किये। वे नमूना श्राप बन जाते हैं औरों के लिये ॥५॥ कोस कितने भी चलें पर वे कभी थकते नहीं। कौनसी है गाँठ जिसको खोल सकते वे नहीं। काम को प्रारम्भ करके छोड़ते हैं वे नहीं । सामना कर भूल करके मोड़ते मुख वे नहीं ॥६॥ ठीकरी को वे बना देते हैं सोने की डली । रंग को करके दिखा देते हैं वे सुन्दर खली । वे बबूलों में लगा देते हैं चम्पे की कली । काक को भी वे सिखा देते हैं कोकिल काकली ॥७॥ उसरों में हैं खिला देते अनूठे वे कमल । वे लगा देते हैं उकठे काठ में भी फूल फल । बन गया हीरा उन्हीं के हाथ से है कारबन । काँच को करके दिखा देते हैं वे उज्ज्वल रतन ॥८॥ पर्वतों को काट कर सड़कें बना देते हैं वे। सैकड़ों मरुभूमि में नदियाँ बहा देते हैं वे। अगम जलनिधि गर्भ में बेड़ा चला देते हैं वे। जङ्गलों में भी महा मङ्गल रचा देते हैं वे ॥६॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034649
Book TitleUpkesh Vansh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherRatnaprabhakar Gyanpushapmala
Publication Year
Total Pages16
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy