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() श्री सुधर्मगछ परीक्षा.
वली कालिकाचार्यजी गर्दनीलराजाना उन्ले. दक तरीके श्रोलखमां थावे , एम श्री निशीथचूर्णि बतावी रहेल !
वसी बहुश्रुत कालिकाचार्य घणा शिष्यना , परिवारवाला उतां पोताना शिष्यो अविनीत हो.
वाने लीधे एक शय्यातरने जणावी पोते एकलाज विहार करीबीजे स्थले पधार्या, ए वृत्तान्तथी
थोलख थापे थने एनी साविती श्री उत्तरा. - ध्ययन वृहवृत्ति थापी रहेल !
.वली श्री कालिकाचार्य राजाना थादेशने सीधे सकारणीक चोथ करनार तरीके श्रोलखाय डे अने ए विषेनी साबिती श्री निशीथचूर्णिमा
विद्यमान ! प्रश्न ३-केटलाक महाशयो जाहेर करे ने के-वाचना
, तो श्री स्कंदिलाचार्यजीए शरु करीने अने श्री ... देवगिणितमाश्रमणजीए ते वाचनाने पुस्तका. ___ रुढ करेल , एम यात्मप्रबोध ग्रंथमां ? उत्तर ३-हा, ते वात तेमां ! प्रश्न-केटलाक कहेले के-चोथना पजुसण करनारज
सजासमक्ष श्री कल्पसूत्र वांची शके एवीज म
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