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से अधिक विराट् शोभा यात्रा निकली जिसमें श्रमण श्रावक और हजारों की संख्या में भारत के नर-नारी सम्मिलित हुए। भारत सरकार मे महावीर मेमोरियल - महावीर स्मारक के लिये दिल्ली में 4 एकड़ भूमि प्रदत्त की । इस रमारक में जैन कलाकृतियों एवं चित्रों का संग्रह जैन साहित्य का विशाल पुस्तकालय तथा जैन विद्या के अध्ययन और शोध कार्य के लिये गठित राष्ट्रीय परिषद का मुख्य कार्यालय रहेगा। दूसरे कार्य वनस्थली निर्माण, महावीर वाटिका, नेशनल काउन्सिल ग्राफ जेनोलोजिक्लस्टडी एण्ड रिसर्व सोसायटी, जिन धर्म संगीत सोसायटी एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में जैन चेअर आदि स्थापित करने के निर्णय लिये गये ।
आन्ध्र प्रदेश हैदराबाद में 20 करोड़ के व्यय से निर्माण कराये जाने वाले महावीर संकुल ( महावीर कम्पलेक्ष) का शिलारोपण किया गया जिसमें प्रद्यतन होस्पिटल, प्रोडिटोरियम, वाचनालय और संशोधक पेड़ रहेगा ।
आसाम की राजधानी गोहाटी (गोहाटी) में 3 लाख का भगवान् महावीर बाल उद्यान, 2 लाख रुपये का दिगम्बर महावीर भवन बनाये जाने का निश्चय हुआ ।
बिहार में 2500 वा निर्वाण दिवस के दिन जल मन्दिर में निर्वाण मोदक चढ़ाने की बोली 1 लाख 51 हजार की श्री मणिलाल डोसी दिल्ली वाले की हुई और उन्होंने सबसे प्रथम निर्वारण लड्डू चढ़ाया । इस अवसर पर पावापुरी में, । लाख रुपये से अधिक यात्री एकत्रित हुए थे और 10 नवम्बर को श्री आर. डी. भण्डारे तत्कालीन राज्यपाल बिहार ने निर्वाणोत्सव का उद्घाटन किया और उपाध्याय श्री अमरमुनि, अनुयोगाचार्य श्री कान्तिसागरजी, मुनि श्री रूपचन्दजी आदि श्रमणों और प्रिय दर्शना श्रीजी, शशि प्रभाश्रीजी, महासती श्री चन्दनाजी आदि श्रमणियों ने भगवान् महावीर का गुणानुवादन किया । राजगृही में 15 नवम्बर को भव्यरथ-यात्रा निकली जिस पर आकाश से. पुष्प वृष्टि की गई। वीरायतन की वस्त्रदान, नेत्रदान और विद्या दान की योजनाएं बनाई गई ।
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पश्चिम बंगाल में श्री विजयकुमार बनर्जी ( भूतपूर्व, विधान सभा मध्यक्ष) की अध्यक्षता में सार्वजनिक सभा हुई जिसमें उन्होंने कहा कि महात्मा
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