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लेखकों का जिनकी संदर्भ ग्रन्थ-सूची परिशिष्ट में दी गई है, हृदय से आभार प्रदर्शित करता हूँ।
___ अन्त में, मैं डॉ. कमलचन्द सोगानी, रीडर दर्शन विभाग और डॉ. प्रेमसुमन, सहायक प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, उदयपुर विश्वविद्यालय को नहीं भूल सकता जिन्होंने इस पुस्तक को प्राद्योपान्त पढ़ कर, कई विद्वतापूर्ण सुझाव देकर एवं यत्र तत्र पांडुलिपि में सुधार कर, इस पुस्तक को, सुन्दर और सुसंस्कृत रचना बनाने में सहायता प्रदान की है। डॉ. कमलचन्द ने इस पुस्तक पर दो शब्द और डॉ. प्रेमसुमन ने प्राक्कथन लिख कर महती कृपा की है जिसके लिए मैं उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। इस पुस्तक के प्रकाशक भगवान महावीर 2500 वो निर्वाण महोत्सव समिति, माउण्ट पाबू का भी पूरा ऋणी हूँ जिसने इस पुस्तक को प्रकाशित करा, मेरे परिश्रम को सफल किया। पांडुलिपि का सारा टाइपिंग कार्य श्री रणजीतसिंह कर्मचारी, सेठ कल्याणजी परमानन्दजी पेढ़ी, देलवाड़ा ने कठिन मेहनत कर किया, उसको मैं अपनी ओर से धन्यवाद देता हूँ। कार्तिक कृष्णा अमावस्या
-जोधसिंह मेहता भगवान् महावीर निर्वाण कल्याणक, दीपावली पर्व वीर संवत् 2503, विक्रम संवत् 2034, ईस्वी सन् 1977 देलवाड़ा, माउण्ट पाबू
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