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मिथ्वात्विक्रियाधिकारः।
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(प्ररूपक)
जो जीव असंक्लिष्ट परिणाम से हाडी । खोडा ) वन्धनादि दुःख सह कर बारह हजार वर्षकी आयु से देवता होते हैं उन्हें इसी जगह उवाई सूत्र में मोक्षमागे का आराधक न होना कहा है। वह पाठ
“से जे इमे गामागरणयर णिगम रायहाणि खेड़ कव्वड मडंव दोणमुह पट्टणासम संवाह सन्निवेसेसु मणुआ भवन्ति तंजहाअंडुवद्धका णियलवद्धका हाडिवद्धगा हत्थछिन्नका पायछिन्नका कण्णछिन्नका णकछिन्नका टुछिन्नका जिब्भछिन्नका सीसछिन्नका मुखछिन्नका मज्झछिन्नका वेकछछिन्नका हियउत्पाडियगा णयगुत्पाडियगा दसणुप्पाडियगा वसणुप्पाडियगा गेवछिण्णका तंडुलछिन्नका कागणि मंसक्खाइयया ओलंविया लम्वियया धंसियया घोलियया फाडियया पीलियया सुलाइयया सूलभिण्णका खारवत्तिया वझवत्तिया सीहपुच्छियया दवग्गिढिगा पंकोसण्णका पंकेखुत्तका वलयमयका वसमयका नियाणमयका अन्तोसल्लमयका गिरिपडियका तरुपडियका गिरिपंखंदोलिया तरुपक्खंदोलिया मरुपक्खंदोलिया जलपवेसिका जलण पवेसिका विसभक्खितका सत्थोवाडितका वेहाणसिया गिद्धपिटका कतारमतका दुभिक्खमतका असंकिलिट्ठपरिणामा ते कालमासे काल किच्चा अण्णतरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति । तहिं तेसिं गती तहिं तेसिं ठिती तहिं तेसिं उववाए पण्णत्ते। तेसिंणं भन्ते! देवाणं केवइयं काल ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! वारसवाससहस्साई ठिती पण्णत्ता। अत्थिणं भन्ते ! तेसिं देवाणं इड ढीवा जुइवा जसेतिवा वलेतिवा वीरिएवा पुरिसकार परक्कमेइवा ? हन्ता ! अस्थि । तेणं भन्ते ! देवा परलोगस्स आराहगा ? णोइणढे सम?"
( उवाई सूत्र )
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