________________
प्रचारक संघ तथा महावीर जैन सभा, मांडवला का उल्लेखनीय योगदान प्राप्त हुआ।
राजस्थान प्रदेश में अनोपमण्डल द्वारा भी जैन समाज व जिन धर्म के प्रति वेमनस्यता की कई प्रवृतियां हुई जैसे साधुमुनिराजों के साथ मारपीट [कोलरगढ़ काण्ड] तथा तखतगढ़ काण्ड जिसमें भी जैन संस्कृति रक्षक समिति की ओर से पत्र व्यवहार केन्द्रीय मंत्रियों एवं प्रदेश के अधिकारियों के साथ हुआ और उसमें सफलता भी मिली। इसके परिणाम स्वरुप ही अनोपमण्डल की प्रवृत्तियों में कमी आई है। कहीं-कहीं दूर-दराज छोटे-छोटे गांवों में इस तरह के असामाजिक तत्व सक्रिय होते हैं फिर भी इनको निष्प्रभावी कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में परम पूज्य आचार्यदेव श्री पद्मसागर सूरीश्वरजी महाराज साहब का मार्गदर्शन एवं उल्लेखनीय योगदान प्राप्त हुआ है जिसके लिए राजस्थान जैन संघ उनके प्रति नतमस्तक है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी राजस्थान जैन संघ का योगदान रहा है। इस सम्बन्ध में डॉ० के० प्रार० चन्द्रा, अध्यक्ष, प्राकृत एवं पाली भाषा, गुजरात विश्वविद्यालय को सहयोग दिया गया है तथा राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली से इन भाषाओं के अध्ययन के लिए ही छात्रवृत्ति दी जाती थी।
महाराष्ट्र राज्य में प्रन्यासों पर लागू होने वाले कॉमन गुड फण्ड नामक एक विधेयक महाराष्ट्र विधानसभा में पेश हुआ
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com