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छठ्ठ अट्ठम पंचरंगी सभी गिनती शत उपर जानो प्रत्यक्ष प्रभावी गुरुदेवश्री की महिमा को पहिचानो ६८
विराट् जुलुससन्मान किया तपस्वी जनका, समारोह था भारी विराट जुलूस की शोभा देखने उमड़ पडे नरनारी ६९
छात्रावास व्यवस्थाछात्रावास भोजनशाला को पुन: नवीनतम प्राण दिया संरक्षण नई कमेटी चयन, उस संस्थाका उत्थान किया ७०
___ अ० भा० ख० का० का बैठकभन्यायोजन क्रमावली में मिला संकेत गुरुवर का अखिल भारतीय खरतरगच्छ संघ एकत्रित करवाने का ७१ संघटित करने गच्छ को, द्विदिवसीय डेट किया निश्चय हुई बैठक यथासमय संघ की, प्रेषित विचार लिया निर्णय ७२ सामाजिक धार्मिक एकता पर, किया मर्मस्पर्शी पूज्य संवोधन दानवीर मणीडोसीजी का जैन संघ किया अभिनन्दन ७३ ऊँट आकृति मानपत्र दे, व्यक्तित्व को दर्शाया अन्य आगन्तुक प्रमुखजनों का भी सन्मान बढ़ाया ७४
संगीत मंडलप्रभुभक्ति करने संगीत मंडल तीन स्थापित किया उपकारी दादागुरुदेव जीवनवृत्त पर सचित्र पुस्तिका छपी न्यारी ७५
पुस्तक प्रकाशनविद्वदशिरोमणि प्रथम शिष्य मणिप्रभसागरजी कृत संपादन "श्रमा कल्याण चारित्रम्” पुस्तक का हुआ प्रकाशन ७६
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