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________________ प्राकृत - पाली ग्रन्थो ५३ अभिधान राजेन्द्र कोश पंचम विभाग ५४ आचारांगसूत्र सटीक भा. १ "" ५५ ५६ आवश्यक सूत्र सटीक ( मलयगिरि टीका ) ५७ आवश्यक सूत्र सटीक ( हारिभद्रीय टीका ) भाषांतरयुक्त ५८ आवश्यक सूत्र २७ चूर्णि पूर्वभाग: (जिनदास कृत) ११ चूर्णि उत्तरभागः ५९ ११ ६० उत्तराध्ययनानि ( कमलसंयमी टीका ) ६१ उत्तराध्ययन बृहद्वृत्ति ( शान्त्याचार्य कृत ) ६२ उत्तराध्ययनानि ( भावविजयजी टीका ) ६३ उवासगदसाओ ६४ कल्पसूत्र मूल ६५ कल्पकौमुदी " ६७ ६६ कल्पसूत्र किरणावलि वृत्ति दीपिका टीका सुबोधका टीका "" ૬૮ श्री राजेन्द्रसूरि सिद्धचक्र साहित्य १९३५ प्रचारक समिति रवजीभाई देवराज १९०६ आगमोदय समिति १९२८. " ऋषभदेव केसरीमल पेढी रतलाम " विजयधर्मलक्ष्मी ज्ञानमन्दिर देवचन्द लालभाइ १९२१ १९१७ १९२८. १९२८ १९२३ पु० फण्ड १९९६. जैन आत्मानन्द सभा १९१५. ए. एफ. रुडॉल्फ होर्नल सं. विजयमेघसूरि १९३३ शान्तिसागर १९३६. जैन आत्मानंद सभा १९२२ श्री जयविजय कृत १९९१ जैन आत्मानंद सभा १९१५ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034582
Book TitlePrachin Bharat Varshnu Sinhavlokan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherYashovijay Granthmala
Publication Year1937
Total Pages284
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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