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भाषाटीकासहिता।
भद्रिकामध्येंतर्दशा. उल्कामध्येंतर्दशा. भ. ४. सि.सं. म. पि.धा.भ्रा. उ. सि.सं. म. पिं. धा. भा. भ.|
१०/११/१३ | १| | ५ ०२०१०/२०१०||
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००० सिद्धामध्येंतर्दशा. | संकटामध्येतर्दशा. | सं| मं. पिं. धा.भा. भ. १६ १८ २१७९११ १४/२१ २
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अथांतर्दशामध्ये विदशानयनप्रकारमाह ।
अन्तर्दशाया दिवसाः स्वस्ववर्षेः क्रमाद्धताः। स्वमानाब्दैढताः प्राप्ता विदशा दिवसादिकाः ॥ १९ ॥
अब विंशोत्तर्यादि दशाकी अंतर्दशामें दिदशा करनेका प्रकार कहते हैं। अंतर्दशाके दिनोंको अपने २ वर्षोंसे (विंशोचरीकी अंतर्दशाके दिनोंकी विंशोतरीके सूर्यादि ग्रहोंके वर्षसे अष्टोत्तरीकी अंतर्दशाके दिनोंको अष्टोत्तरीके सर्यादिग्रहोंके वर्षसे योगिनीकी अंतर्दशाके दिनोंको योगिनीकी मंगलादिदशाके वर्षोंसे) क्रमसे गुणन करना और अपने अपने दशामानके वर्षोंका(विंशोत्तरीकी अंतर्दशामें विदशासाधनमें विंशोत्तरीके मानके १२० एकसौ बीसका, एवं अष्टोतरीमें१०८का योगिनीमें ३६ का) भाग देना, जो लब्ध आवे वह दिवसादिक (दिनादिक) विदशा जानना ॥ ४९ ॥
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