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________________ उपसंहार. पशुवध बंध करावया संबंधमा करवामां आवेलो प्रयास. गये वर्षे दशराना तहेवारो उपर हिंदुस्थानमा जे पशुवध थायछे ते बंध कराववाना हेतुथी आपणा देशना तमाम देशी राजा महाराजाओ तथा जागीरदारोने आ पशुवध बंध कराववा अर्थ लगभग ३०० विनंतीपत्रो गुजराती, मराठी, हिंदी अने अंग्रेजी भाषामां छपावीने मोकलवामां आव्यां हतां जेनी नकळ नीचे प्रमाणे छे. श्री जैन श्वतांम्बर कोन्फरन्स ओफीस . चंपागल्ली मुंबई, ता. गोब्राह्मणप्रतिपाल, निराश्रिताधार, आर्यभूषण, प्रजापालक, न्याय-दया-क्षमा__ आदिगुणालंकृत, धर्मधुरंधर, महाराजाधिराज महाराजजी साहेब. श्री श्री १०८ नी खीदमतमा अरज मालुम थायजे जेम अमे सांभन्युं छे तेम दशराना पवित्र अने धार्मिक दिवसोमा हजुरना राज्यमां पाडा बकरांओनो वध करवामां आवेछे. देवीने भोग आपीने संतुष्ट करवाना इरादाथी आ वध करवामां आवेछे, जेथी करीने महामारी [प्लेग ] शीतळा, कोलेरा, आदि दुष्ट बिमारीओनी आफतो वस्तीमां आवे नहीं; परंतु दर वरस आवो वध थतां छतां प्लेग, कोलेरा, शीतळा, ताव, दुर्भिक्ष (दुकाळ ) आदि आफतो हिंदुस्थानमां आव्येज जाय छे. राजाथी रंक सुधी सर्वेने पोताना पूर्व जन्मना कर्मानुसार सुख दुःख भोगवईं पडे छे, अने आ आफतो केवळ मनुष्योना पापोनी शिक्षारूप छे. आ पापोथी बचवाने वास्ते माणस निरपराधि (निर्दोष ) अवाचक ( मुंगा) जानवरोनी हत्या करे आ केवो न्याय ? | आवा न्यायथी सर्व शक्तिमान परमेश्वर राजी थशे ? कदी नहीं. नामदार अंग्रेज सरकारना राज्यमां पण वखतो वखत मरकी (प्लेग) विगैरे बीमारीओ आवेछ भने कुदरतथी नाबुद थायछे, तेवा रोगोनी शांतता माटे काई पाडी आदीनो पशुवध थतो नथी; परंतु तंनदुरस्तीना नियमोने अनुसरवामा इलाज लेवामा आबेछे. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034575
Book TitlePashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year
Total Pages309
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size24 MB
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