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करना है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना प्राचीन युग और आधुनिक युग दोनों युगों के आधार पर होगी। इस विश्वविद्यालय से सम्बन्धित प्रत्येक स्कूल एवं कालेज में छात्र-निवास का होना आवश्यक है। इस विश्वविद्यालय से सम्बन्धित प्रत्येक विद्याथीं को विश्वविद्यालय के नियमों का पालन काना होगा। जैन धर्म की शिक्षा अनिवार्य होगी। इस विश्वविद्यालय से सम्बन्धित किसी भी स्कूल व कालेज में शिक्षा शुल्क, छात्र निवास शुल्क, पोशाक शुल्क या भोज्य पदार्थ शुल्क नहीं लिया जायगा । प्रत्येक स्कूल व कालेज का कर्तव्य होगा कि वह विद्यार्थी का नाम, पूरा पता तथा व्यवसाय के बारे में विश्व विद्यालय से प्राप्त फार्मो को भर कर भेज दें। विश्व विद्यालय के अनुसंधान विभाग का कर्तव्य होगा कि वह विद्यार्थियों के परिवार की योग्यतानुसार छात्र के माता-पिता से या परिवार के अन्य सदस्यों से (जो छात्र से सम्बन्धित हो) शिक्षा शुल्क प्राप्त करें। किसी छात्र के परिवार की खराब स्थिति होने पर शिक्षा शुल्क नहीं लिया जायगा। इस विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के बाद उस विद्यार्थी का दूसरे विश्वविद्यालयों से सम्बन्धित स्कूल व कालेजों में प्रवेश नहीं होगा। उसको हरेक तरह से इसी स्कूल व कालेज में पढ़ना जरूरी है । लड़के और लड़कियों का एक साथ पढ़ना जरूरी है। सहशिक्षा अनिवार्य है, उनमें भाई और बहिन का सम्बन्ध जोड़ना होगा। लड़के को पुरुष सम्बन्धी शिक्षा दी जायगी और लड़की को गृहकार्य में निपुण होने के लायक शिक्षा दी जायगी
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