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... * परिचय पत्र *
वर्तमान युग स्वतंत्रता का युग है । भारत वर्ष एक गणतंत्र राज्य है। इस भौतिक युग में जिस प्रकार विश्व उन्नति के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है, उसी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान समय में एक ऐसी धार्मिक संस्था की आवश्यकता है जो समग्र विश्व में जैन धर्म का प्रचार कर सके तथा समस्त जैन समाज को एकता के सूत्र में संगठित कर सके, इसी बात को लक्ष्य में रखते हुये अन्तर्राष्ट्रीय जैन सम्मेलन की स्थापना की गयी है। इस पुस्तक में आपके समक्ष इस संस्था की रूप रेखा, उद्देश्य, नियमावली आदि को उपस्थित किया जा रहा है। संस्था के उदेश्यों की पूर्ति के लिए सम्मेलन समाज की प्रत्येक संस्थाओं मन्दिरों, समाचार पत्रों, तीर्थ क्षेत्रों, आदि के व्यवस्थापको एवं संचालकों से अनुरोध करता है कि वह उपरोक्त पते पर परिचय पत्र भेजने की कृपया करेगे। बिना परिचय पत्र के सम्मेलन आगे बढ़ने में अपने को असमर्थ पाता है इस लिये सम्मेलन समाज की दिगम्बर श्वेताम्बर व उप सम्प्रदाय सम्बन्धी संस्थाओं से अनुरोध करता है कि वह शीघ्रातिशीघ्र परिचय पत्र भेजने की कृपा करेंगे। परिचय पत्र में निम्नलिखित विषयों का होना अत्यावश्यक है:--- १ प्रत्येक सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक आदि संस्थाओं का जिनका सम्बन्ध जैन समाज से हो पूर्ण पोस्टल ऐड्रेस के साथ परिचय पत्र भेजें। ..
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