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श्री रत्नप्रभाकर ज्ञानपुष्पमाला पुष्प नं. ८६
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श्रीमद् रत्नविनय सद्गुरुभ्यो नमः ओसवाल पोरवाल और श्रीमाल
जातियाँका
सचित्र प्राचीन इतिहास.
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लेखक, मुनिश्री ज्ञानसुंदरजी.
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द्रव्य सहायक, श्रीसंघ सादडी (मारवाड) झानखाता का चंदासे.
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प्रकाशक, श्रीरत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला.
फलोदी-( मारवाड) वीर सं० २४५४ ओसवाल सं० २३८५ वी० सं० १९८५
प्रति १०००
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