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________________ [ ३० ] जो हमारे समान खानपान, आचार विचार, रीति- रस्म रखते हुए भी किसी कारणवश कुछ समय से विछुड़ गये हैं साथ मिला लेना चाहिये और उन के साथ बेटी व्यवहार खोल देना चाहिये। बाबू जवाहरलालजी लोढा, सम्पादक 'श्वेताम्बर जैन', आगरा ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इस पर सिरोहो वाले बाबू खेमचंदजी सिंघो वकील ने इस का विरोध किया। सिरोही-निवासी रायचन्दजी मोदी ने विरोध का अनुमोदन किया। पश्चात् भोट लिये जाने पर केवल चार विरोध के पक्ष में और सारा पंडाल मूल प्रस्ताव के पक्ष में होने के कारण बहुमत से प्रस्ताव स्वीकृत हुआ। ____इस के बाद बाबू सिद्धराजजी ढड्डा ने अछूतोद्धार विषयक एक प्रस्ताव जो इस प्रकार था रखते हुए इसपर काफी प्रकाश डाला और विवेचन करते हुए कहा कि यह विषय समयानुकूल और बड़े महत्व का हैं। प्रस्ताव "यह सम्मेलन अछूतोद्धार के देशव्यापी आन्दोलन को ओर सहानुभूति दिखलाता हुआ अपना यह निश्चित मत प्रकट करता है कि प्रत्येक हरिजन को कुवें, नल, विश्रामगृह, स्कूल आदि सार्वजनिक स्थलों के उपयोग करने का अन्य मनुष्यों के समान हो अधिकार होना चाहिये।" जिस समय उक्त प्रस्ताव रखा गया उस समय अजमेर-निवासी कुछ लोग जो कि अछूतों के सम्बन्ध का कोई भी प्रस्ताव उपस्थित होने पर हो हल्ला करने के इरादे से आये हुए थे, शोरगुल मचाने लगे। उसी समय सिरीही-निवासी बाबू खेमचन्दजी सिंघी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। इस से उनलोगों और उन के हिमायतियों की उच्छृखलता और भी बढ़ गई और अधिवेशन का कार्य चलना कठिन हो गया परन्तु स्वागत समिती के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने बडे शान्तिसे स्थिति का सामना किया और बहदी सभापतिजी की चतुरता से शीघ्र ही शान्ति हो गई। सम्मेलन की सफलता और समाज के गौरव को हृदय से चाहते हुए प्रस्तावक बाबू सिद्धराजजी ढड्ढा ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया पश्चात् अधिवेशन का कार्य पुनः आरम्भ हुआ। ___ग्यारहवां प्रस्ताव ओसवाल समाज के अधिकांश लोगों के व्यापारी होनेके कारण उनकी उन्नति देश के उद्योग धन्धे पर अवलम्बित है। देशी उद्योग धन्धों को Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034568
Book TitleOswal Maha Sammelan Pratham Adhiveshan Ajmer Ki Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Sahab Krushnalal Bafna
PublisherRai Sahab Krushnalal Bafna
Publication Year1933
Total Pages86
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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