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हम भूले भटके प्रशिक्षित शान में पिछड़े हुए माधरवासियों के लिये आप ही पथ प्रदर्शक एवं हमारे सर्वस्व प्रदीपगृह हैं ।
हमारे क्षणभार जीवन के प्रत्येकांश में प्रापश्री का मुख मुख परमानन्द दायक दिव्य सन्देश सुनाता रहे ।
भवदीय चरणाकिङ्करराजस्थान सुंदर साहित्य नाथ मोदी जैन, निरीक्षक टीचर्स ट्रेनिङ्ग
स्कूल-जोधपुर।
सदन
“ Lives of great men all remind us
We can make our lives sublime; And, departing, leave behind us Footprints on the sands of time. "
LONG FELLOW
" जीवन चरित महा-पुरुषों के, हमें शिक्षणा देते हैं।
हम भी अपना अपना जीवन, स्वच्छ रम्य कर सकते हैं।" " हमें चाहिये हम भी अपने, बना जायँ पद-चिह्न ललाम ।
इस भूमी की रेती पर जो, व्यक्त पड़े आवें कुछ काम ||" " देख देख जिन को उत्साहित, हों पुनि वे मानव मतिषर ।
जिन की नष्ट हुई हो नौका, चट्टानों से टकराकर ॥" " लाख लाख संकट सहकर भी, फिर भी साहस बांधे वे ।
बाकर मार्ग मार्ग पर अपना, 'गिरिधर' कारज साधे वे ॥"
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