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चोथो दिवस. (गुजराती) आसो सुदी १ मंगलवार, ता. २२ सप्टेंबर. ठेरवेले वखते कान्फरन्सचें कार्य शरु करवामां आव्यु हतुं, अने ते थतां पहेलां नियमानुसार श्रीजैन मंगळ गायन समाजे नीचे प्रमाणे गायन साज साथे गायुं हतुंः
बीजी जैन (श्वेतांबर) कॉन्फरन्स देवीनो विजय! (राग-धन्य धन्य दिन आज, धन्य तमारो-ताल दादरो.) विजय रंग! विजय रंग! देवी थाओ त्हारो, जग मही प्रसारी कीरती, अचळ नाम धारो. विजय-१ संप सुरभि द्यो वधारी, जनमन सुधारो, बुद्धिबळ कळ सकळ वाधे, नीकळे कुधारो. विजय-२ ऐक्य विण दुःख अब्धिमां, पडे. हजारो, हस्त ग्रही देवी सद्य, ते थकी उगारो. विजय-३ ऐक्य, धरम, करम, नीतिनो करे प्रसारो, अकल हीण मन न जाणे, शुं थतो लवारो.
विजय-४ ऐक्यने प्रतापे पांडुना, विजय पोकारो, गाजी रह्या दशे दिश, कौरवनो संहारो. विजय-५ ताणतां तुटीज जाय, एक तंतु न्यारो, नव कदी तुटेज देवी, होय कदी भारो.
विजय-६ जैन शासन द्रढता माटे, आज छे ईसारो, देवी! दैवी बळ दईने, अधगति उधारो. विजय-७ श्वेतांबरी जैनबंधु, हृदय क्लेश निवारो, आशिष दीयो मात जेथी, थाय अति वधारो. विजय-८ जीनवर करधर शिरपर, कष्टथी उगारो, देवदेवी रक्षा करी, शासन जय प्रसारो. विज य-९ कॉन्फरन्सना आगेवानोने विनंति ! (राह -एज) आज छे अतुल आनंद, श्वेतांबर जीन हारो. कॉन्फरन्स जयपताका, फरके आम भाळो. आज छे-१ राय बदादुर बद्रीदास, जैन कष्ट विदारो, वीर मुरति वीरचंदने उगारो.
आज छे-२
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