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मारवाड़ का इतिहास
के झगड़ों को मिटाने के लिये एक कमेटी नियत की गई । उस समय करीब २५० गांवों के विषय में सरदारों के और राज्य के बीच झगड़ा चल रहा था । परन्तु पोलिटिकल एजेंट ने महाराजा तखतसिंहजी के गद्दी बैठने के समय, जिस गांव पर जिस जागीरदार का कब्जा था, वह गांव उसीका मानकर बहुत कुछ झगड़ा शान्त करदिया ।
इसी वर्ष आवागमन के सुमीते के लिये ऐरनपुरे से पाली होकर बर तक एक सड़क बनाने का निश्चय हुआ । साथ ही जोधपुर से पाली तक की सड़क के बनाने की आज्ञा भी दी गई ।
वि० सं० १९२७ (ई० स० १८७० ) में गवर्नमैंट ने जोधपुर दरबार को सालाना १,२५,००० रुपये और ७,००० मन नमक देने का वादा कर सांभर के नमक का वह भाग, जो जोधपुर राज्य के अधिकार में था, टेके पर लेलियाँ | इसके साथ एक शर्त यह भी रक्खी गई कि यदि सालाना सवा आठ लाख मन नमक से अधिक नमक बेचा जायगा, तो उस अधिक नमक के लाभ में से २० रुपये सैंकड़ा जोधपुर-राज्य को करके रूप में दिया जायगा । इसी संधि के अनुसार गवर्नमैंट द्वारा बनाए हुए नमक पर से राज्य की चुंगी उठा दी गई । इसी वर्ष गवर्नमैंट ने नांवा और गुढा नामक स्थानों में होनेवाली नमक की पैदावार भी सालाना ३,००,००० रुपये और ७,००० मन नमक देने का वादा कर ठेके के तौर पर लेली । इसके साथ भी यह शर्त रखी गई कि यदि सालाना नौलाख मन से अधिक नमक बिकेगा, तो उस अधिक हिस्से के मुनाफ़े में से ४० रुपये सैंकड़ा जोधपुर - राज्य को करके रूप में दिया जायगा ।
चाकरी माफ करना निश्चित हुआ । एकही वर्ष में दो उत्तराधिकारियों के गद्दी बैठने पर एक हुक्मनामा और दो वर्षों में दो उत्तराधिकारियों के गद्दी बैठने पर डेढ हुक्मनामा लेना तय किया । ठाकुर की इच्छा होने पर एक हुक्मनामे की एवज़ में एक वर्ष की गांव की लटाई (आमदनी ) लेने का नियम भी रक्खा गया ।
१. ए कलेक्शन ऑफ ट्रीटीज़ ऐंगेज़मैट्स ऐण्ड सनद्स, भा० ३, पृ० १४५-१४७ ।
२. यह रकम ६ - ६ महीने की दो किश्तों में देना निश्चित किया गया ।
३. इसी वर्ष गवर्नमैंट ने जयपुर दरबार के साथ भी इसी प्रकार का प्रबन्ध कर उनके अधीन का सांभर का नमक का भाग भी ठेके पर ले लिया ।
एकलैक्शन ऑफ ट्रीटीज़ ऐंगेजमेंट्स ऐण्ड सनद्स, भा० ३, पृ० १४७-१५२ ।
४. ये रुपये भी ६-६ महीने की दो किश्तों में देने तय हुए थे I
५. ए कलैक्शन ऑफ ट्रीटीज़ ऐंगेजमेंट्स ऐण्ड सनट्स, भा० ३, पृ० १५२-१५६ ।
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