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मारवाड़ का इतिहास
वि० सं० १७४९ ( ई० स० १६६२ ) के, बवाल के पास, दुर्गादास पर के काजमबेग के हमले में मारे गए महाराजा के कुछ योद्धाओं के नाम: —
राव गुमानीचन्द ( मनोहरपुर ), जैतसिंह राठोड़ ( पिरथीराजोत ), दौलतभाटी ( रघुनाथोत ), हरिचन्द - तिरवाड़ी |
वि० सं० १७६२ ( ई० स० १७०६) के, जालोर के, युद्ध में मारे गए महाराजा के कुछ वीरों के नाम:
नेतसी-ऊदावत ( बाघावत ), रूपसी - ऊदावत ( बाघावत ), लाडखाँ - मंडला ( अमरावत ) ।
दूनाड़ा
के युद्ध में मारे गए महाराजा के कुछ योद्धाओं के नाम: —
दलाराम - मेड़तिया, सूरजमल - भाटी ( जगन्नाथोत ), दौलत सिंह - ऊदावत ।
वि० सं० १७६५ ( ई० स० १७०८ ) में, सांभर पर के, जोधपुर और जयपुर की सेनाओं के सम्मिलित आक्रमण में मारे गए महाराजा अजितसिंहजी के कुछ वीरों
के नाम:
भीमसिंह-कूंपावत ( आसोप ), किशनसिंह भाटी (आटण), केसरीसिंह - राठोड़ ( काशीसिंहोत ) ।
२७. महाराजा अभयसिंहजी ।
वि० सं० १७८७ ( ई० स० १७३० ) में, महाराजा अभयसिंहजी के, अहमदा बाद पर आक्रमण करने के समय, मारे गए उनके कुछ वीरों के नाम:
पहले (आश्विन सुदि १० = १० अक्टोबर के ) युद्ध में मारे गए महाराजा के कुछ वीरों के नाम: -
करणसिंह-चांपावत (पाली ), गुलाबसिंह - मेड़तिया ( पांचवा ), मोमसिंहमेड़तिया (सीरासणा), हटीसिंह - जोधा ( जोगीदासोत ), भगवानदासधांधल (बूटेलाव ), केसरी सिंह - पुरोहित ( खैड़ापा ) ।
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