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विभिन्न युद्धों में लड़कर मार गए कुछ वीरों के नाम सोत राठोड, सुरताण-राठोड़, बीदा-बाला राठोड ( भारमलोत ), रायमलराठ ड (अखैराजोत ), भवानीदास-राठोड़, हम्मीर-राठोड़ ( सीहावत ), भोजा-राठोड़ ( पंचायणोत ), हरपाल-राठोड़, उदैसिंह-जैतावत, भदापंचायणोत, जोगा-रावलोत, भारमल-बालावत, पता-कान्हावत (अखैराजोत), कल्याण-भीवोत, भानीदास-रावलोत, हरदास ( खंगारोत ), नींबा-अणदोत, पंचायण-भाटी ( जोधावत ), गांगा भाटी ( वरजांगोत ), महेश-भाटी (अचलावत), कल्याण भाटी (आपमलोत ), नींबा-भाटी (पातावत ), सूरा-भाटी ( पर्वतोत ), हम्मीर भाटी ( लाखावत ), माधोदास-भाटी ( राघोदासोत ), वीरा-ऊहड़ ( लाखावत ), सुरजन-ऊहड़, अखैराजसोनगरा, भोजराज-सोनगरा, बीजा-सोनगरा (अखैराजोत), नाथा-सोढा ( देदावत ), डूंगरसी-सांखला ( दामावत ), धनराज-सांखला (दामावत ), हेमा-मांगलिया (नरावत ), किशना-चारण, भाना-दधवाड़िया, मला
दादखा-पठान । वि० सं० १६०१ (ई० स० १५४४ ) में, शेरशाह के, जोधपुर के किले परके, आक्रमण में मारे गए राव मालदेवजी के कुछ वीरों के नाम:
शंकर-ऊदावत (जैतसीहोत ), अचला-राठोड़ (शिवराजोत ), तिलोकसी
राठोड (वरजांगोत), राणा-राठोड़ (वीरमोत), सिंघण-राठोड़ (खेतसीहोत), पता-चरड़ा राठोड़ (दुर्जनसालोत), जैतमाल-भाटी, शंकर-भाटी (सूरावत), माला-जैसा भाटी, भोजा-भाटी (जोधावत), बीजा-भाटी (जोधावत), नाथू-भाटी (मालावत ), भैरव-सोहड़, शेखा-ईदा (धनराजोत ), भीखूनायक, नाथा-नायक ।
वि० सं० १६०३ ( ई० स० १५४६) में, भांगेसर (पाली) के, शाही थाने पर आक्रमण करते समय मारे गए राव मालदेवजी के कुछ योद्धाओं के नाम:
ऊंगा-राठोड़ ( वरसिंहोत ), मेहा राठोड़ ( जगन्नाथोत ), जैसा-चांपावत,
अभियड-पाता ( भींवोत ), किशना-भाटी ( रामावत ), तेजसी-भाटी ( वणवीरोत ), वीसा-भाटी ( वणवीरोत )
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