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मारवाड़ का इतिहास उन्हीं लोगों के सहारे से महाराणा मोकलजी के हत्याकारी चाचा का पुत्र आका और पँवार महपा भी कुछ ही दिनों में मेवाड़ लौट आए, और रणमल्लजी के विरोध करने पर भी, लोगों के आग्रह से, महाराणा कुम्भाजी ने उनके अपराध क्षमा कर दिए । इसके बाद एक रोज़ महपा ने, रणमल्लजी के मेवाड़ राज्य को दबा बैठने का भय दिखलाकर, कुम्भाजी को इनके विरुद्ध भड़काना चाहा । परन्तु जब यह वार खाली गया, तब आकाने एक नई युक्ति सोच निकाली । एक दिन वह लेटे हुए महाराणा के पैर दबाते हुए रोने लगा । टांगों पर आंसुओं के गिरने से चौंककर जब महाराना ने उससे इसका कारण पूछा, तब उसने कहा कि राव रणमल्लजी के मेवाड़-राज्य पर अधिकार कर बैठने के गुप्त षड्यन्त्र की तरफ़ आपका ध्यान न देख मातृभूमि के दुःख से मेरे आंसू निकल पड़े हैं । यह सुनकर बालक महाराणा कुम्भाजी उसके बहकावे में आ गए और उन्होंने राव रणमल्लजी को धोके से मार डालने की आज्ञा दे दी । इसके बाद षड्यन्त्रकारियों ने रावत चूंडा को भी मांडू से वहां बुला लिया। ____ इधर यह कपटजाल बिछाया जा रहा था और उधर इसकी कुछ भनक रणमल्लजी के कानों तक भी पहुँच चुकी थी । इसलिये उन्होंने अपने पुत्र जोधाजी आदि को बतला दिया कि आजकल लोग हमारे विरुद्ध महाराणा को भड़का रहे हैं । सम्भव है, सांसारिक अनुभव के अभाव से वह उनके कहने में आ जाय । इससे तुमको सावधान किए देता हूँ कि यदि किसी दिन मैं राणाजी के आग्रह से तुम लोगोंको किलेमें आनेके लिये कहला भी दूं, तो भी तुम टाल जाना । इसके बाद सचमुच ही महाराणा ने जोधाजी आदि को किले में बुलवा लेने का आग्रह करना शुरू किया। परन्तु जब रणमल्लजी के एक दो-बार कहलाने पर भी वे न आए, तब षड्यन्त्रकारियों को अपनी गुप्त मन्त्रणा के प्रकट हो जाने का सन्देह होने लगा । इसलिये वि० सं० १४१५ की कार्तिक बदि ३० ( ई० सन् १४३८ की २ नवम्बर ) की रातको उन्होंने बेखबर सोते हुए राव रणमल्लजी को पलंग से बांधकर इनका वध कर डाला ।
१. उस समय कुम्भाजी की अवस्था हमारे मतानुसार केवल ११-१२ वर्ष की और राजपूताने
के इतिहास के अनुसार १३-१४ वर्ष की थी। २. 'वीरविनोद' में इस घटना का वि० सं० १५०० (ई० सन् १४४३ ) में होना लिखा
है । परन्तु यह ठीक नहीं है, क्योंकि राणपुर (गोड़वाड़) के जैन मंदिर से मिले वि० सं० १४६६ ( ई० सन् १४३६ ) के महाराना कुम्भा के लेख से उस समय के पूर्व ही मंडोर पर कुंभाजी का अधिकार हो जाना सिद्ध होता है (आर्कियॉलॉजीकल सर्वे ऑफ
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