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* महावीर जीवन प्रभा *
माता त्रिसला देवी के सम्बन्ध में श्वेताम्बर ग्रन्थों का उल्लेख है कि वह वैशालिक के राजा चेटक की बहिन थी और दिगम्बर ग्रन्थ सिद्धपुर के राजा चेटक की पुत्री बताते हैं; ये दोनों ही चेटक राजा एक ही हैं; कि भिन्न, यह निश्चयात्मक कुछ भी नहीं कहा जासकता ; अस्तु कुछ भी हो त्रिसला महारानी एक बड़े खानदान घराने की और राजवंशीय सुन्दरी थी, यह निर्विवाद है- पिता-माता का क्रमशः काश्यप और वाशिष्ट गौत्र था.
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प्रकाश- भगवान् के मात-पिता का परिचय और जन्म नगरी का विषय विचारणीय होगया है भिन्न भिन्न उल्लेखों की उपलब्धि का ही यह कारण है, शास्त्रों में " खत्तिय कुण्डगाम नयरे - सिद्धत्ते राया सिद्धत्तेणं रण्णा" इससे भी यह स्पष्ट है कि उनकी जन्म भूमि एक नगरी थी और सिद्धार्थ राजा थे- कुछ भी हो जब कि यह निश्चित है कि भगवान् दरिद्रकुल - नीचकुलादि में जन्म नहीं लेते तो उनके माता-पिता का उच्च स्थान स्वतः सिद्ध है. वे भगवान् पार्श्वनाथ स्वामी के परम श्रावक ( गार्हस्थ्यव्रतधारी ) थे, इससे भी वे महान् उच्च थे.
( जन्म का प्रभाव )
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जिस समय परमात्मा महावीर का जन्म हुवा उस समय तीन लोक में प्रकाश हुवा था, गगन मण्डल में
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