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* महावीर जीवन प्रभा *
प्रकाश-पुण्यशाली जीव जब गर्भ में आता है तब माता को अच्छे अच्छे दोहले ( इच्छाएँ) उत्पन्न होते हैं. माता त्रिसलादेवी को कितने बढ़िया दोहले प्रकट हुए, आज कल की माताओं को तो मात्र खाने-पीने-पहनने ओढने और हर तरह की मौज मजा करने की इच्छाएँ पैदा होती हैं, यह गर्भस्थ सामान्य जीवों के लक्षण हैं, किसी किसी को कुत्सित व्यवहारों की अभिलाषाएँ उद्भव होती हैं, ये निकृष्ट जीवों के लक्षण हैं; गरज कि माता के दोहलों पर से ही गर्भस्थ जीवों के पुण्य-पाप का प्रकाश होने लग जाता है.
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