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पञ्चम अध्याय । खरों के द्वारा गर्भसम्बन्धी प्रश्न-विचार । १-यदि चन्द्र स्वर चलता हो तथा उधर से ही आ कर कोई प्रश्न करे किगर्भवती स्त्री के पुत्र होगा वा पुत्री, तो कह देना चाहिये कि-पुत्री होगी।
२-यदि सूर्य स्वर चलता हो तथा उधर से ही आ कर कोई प्रश्न करे किगर्भवती स्त्री के पुत्र होगा वा पुत्री, तो कह देना चाहिये कि-पुत्र होगा।
३-यदि सुखमना स्वर के चलते समय कोई आ कर प्रश्न करे कि-गर्भवती स्त्री के पुत्र होगा वा पुत्री, तो कह देना चाहिये कि नपुंसक होगा।
४-यदि अपना सूर्य स्वर चलता हो तथा उधर से ही आ कर कोई गर्मविषयक प्रश्न करे परन्तु प्रश्नकर्ता ( पूछनेवाले) का चन्द्र स्वर चलता हो तो कह देना चाहिये कि-पुत्र उत्पन्न होगा परन्तु वह जीवेगा नहीं।
५-यदि दोनों का ( अपना तथा पूछनेवाले का) सूर्य स्वर चलता हो तो कह देना चाहिये कि-पुत्र होगा तथा वह चिरञ्जीवी होगा।
६-यदि अपना चन्द्र स्वर चलता हो तथा पूछनेवाले का सूर्य स्वर चलता हो तो कह देना चाहिये कि-पुत्री होगी परन्तु वह जीवेगी नहीं।
७-यदि दोनों का (अपना और पूछनेवाले का ) चन्द्र स्वर चलता हो तो कह देना चाहिये कि-पुत्री होगी तथा वह दीर्घायु होगी।
-यदि सूर्य स्वर में पृथिवी तत्त्व में तथा उसी दिन के लिये किसी का गर्भसम्बन्धी प्रश्न हो तो कह देना चाहिये कि-पुत्र होगा तथा वह रूपवान राज्यवान् और सुखी होगा।
९-यदि सूर्य स्वर में जल तत्व चलता हो और उस में कोई गर्भसम्बन्धी प्रश्न करे तो कह देना चाहिये कि-पुत्र होगा तथा वह सुखी; धनवान् और छः रसों का भोगी होगा।
१०-यदि गर्भसम्बन्धी प्रश्न करते समय चन्द्र स्वर में उक्त दोनों तत्त्व (पृथिवी तत्व और जल तत्व ) चलते हों तो कह देना चाहिये कि-पुत्री होगी तथा वह ऊपर लिखे अनुसार लक्षणोंवाली होगी।
११-यदि गर्भसम्बन्धी प्रश्न करते समय उक्त स्वर में अग्नि तत्त्व चलता हो तो कह देना चाहिये कि-गर्भ गिर जावेगा तथा यदि सन्तति भी होगी तो वह जीवेगी नहीं।
१२-यदि गर्भसम्बन्धी प्रश्न करते समय उक्त स्वर में वायु तत्त्व चलता हो तो कह देना चाहिये कि-या तो छोड़ (पिण्डाकृति) वधेगी वा गर्भ गल जावेगा।
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