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________________ (५६) बोत्थरा. राणो लाखण १४३६ राणा रत्नसिंह और सागरके विच ४१६ राणो मोकल १४५४ वर्षका अन्तर है राणा गयमन राणो कुंभो १४७५ और बोहित्थ के विच ३३३ वर्षका गणो उदयसिंह १५२५ अन्तर है बोहित्थ और तेजपालके राणो गयमन १५३० विच दो पीढीमे १८० वर्ष खत्म कर गणो सांगो १५६५ दीया तब कडवाशा और वछराजके गणो रत्नसिंह १५८६ विच पांच पीढीमे ४५ वर्ष ही हुबा है धन्यभाग्य है बोत्थरोंकाकि दो पीढी तक अर्थात् ५५ वर्ष तक गुजगत का राज बोत्थरोंके एक कौनामें पड़ा रहा पर कीतने रूपैयोमे ठेकली उस समय गुजरातका राजा कोन था और फीर कडवाशाको क्या जरूरत पडि की गुजरात इनायत कर दी ? उस समय गुजरातका गजा कोन था इतिहासकारोंकी कीतकी अज्ञानता है की इतनी बडी भारी वातको कीसी जगह स्थान न दीया. आश्चर्य तों इस वातका है कि कडवाशाकी छोटीसी दुकांनमे गुजरात कैसी समावेश हुई होगी ? यतिजी ! कडबाशाके समय गुजरातमें मुसलमानोका राज था, बादशाहाप्रोके जोर जुल्मसे राजपुत्त लोकभी जीव वचाते फीरते थे तो वैपार करनेवाले बोत्थराकी क्या ताक्त थी की वह गुजरातका राज ठेके ले सके ! एसे असत्य लेख लिख यतिजी एक अपनी हासी ही नही किन्तु श्रीपूज्योंके पुरांणा दफतगेकोभी कलंकित कीया है। आगे कुंभागणाने गवरडमलको मारना भी गल्त लिखा है कारण राव रडमलकी बेटी हँसाबाईको चितोडके राणा लाखाको परणाई थी जिसके मोकल पुत्र हुवा. राणा लाखाका देहान्त हुवा तब मोकल बालक था तब राव Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034521
Book TitleJain Jati Nirnay Prathamank Athva Mahajanvansh Muktavaliki Samalochana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherRatnaprabhakar Gyanpushpmala
Publication Year1927
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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