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17032
A sstory वंदे वीरम् । जैन भार स
भानु
प्रथम भाग
।
कर्ता चार्य श्रीमद्विजयानन्द मूरि शिष्य महोपाध्यायश्रीमल्लक्ष्मीविजय शिष्योपाध्याय
श्रीमद्धपविजयशिष्य श्रीमदवल्लभविजय जी
प्रसिद्ध कर्ता जसवन्तराय जैनी लाहौर (पंजाब)
[सर्वहक्क स्वाधीन] (२४३६
आत्म सम्बत् १४ बत् १९६७
ईस्वी सन १९१० शीन प्रैस लाहौर में दुनीचंद प्रिन्टर के
अधिकार से छपी। मवार १०००] १९४-१० । मूल्य ।)
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