________________ * नमो श्रीजैनागमाय * हर्षहृदय दपेणस्य / द्वितीय भागः। नित लेखक I शास्त्रविशारद जैनाचार्य श्रीमज्जिनयशः सृरिजी महाराज की आज्ञा के अनुसार पन्यास श्रीकेशरमुनिजी गणि / प्रकाशक बुद्धिसागरमुनि मुर्शिदाबाद निवासी रायबहादुर मायसिंह मेघराज पुत्रवधू के तरफ से द्रव्य की सहायता से / बाबू चन्द्रमोहनदयाल मैनेजर के प्रबन्ध से ऐंग्लो-अरबिक प्रेस, नौवस्ता, लखनऊ में मुद्रित / Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com