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ति के पर्याय से
प्रारंभ से लेस के समर्थ पर्यन्ता दिया गया है। कीम्न प्रकार से होपी
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यमदेव
(श्रम)
मूलदेक
सिद्धेश्वर
कृष्णादेश
होता है कि इसमें वसन्तपुर
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जयसिंह
k विजयसिंह
महादेव चाचिक
! लक्ष्मणव
विशालदेव
( प्रथम )
1
मीत
१५८
बसकएर
1.
धवलदेव द्वितीय (वीस्य द्वितीय
1147
वासुदेव
बीरदेव (तृतीय)
Tense
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