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। लाट बासुदेवपुर - नेरल गुण्डी-होनाली तालुका
{ईश्वर मन्दिर] काली वीरनोलम्ब जयसिंह परमनादि की
शिला प्रशस्ति । स्वस्ति समस्त भुवनाश्रय पृथिवी वल्लभ महाराजाधिराज परमश्वर परम भधारक सत्याश्रय कुल तिलकं चौलुक्याभरणं श्रीमत् त्रयलोकमल्ल देवरू चतु स्समुद्र पर्यन्तं वर सुख सत्कथा विनोदि राज्यं गेयुक्तं इरे । तत्पद पायोपजीवी समधि गत पंच महाशब्द पल्लवान्वय श्री पृथिवी वल्लभ पल्लककुल तिलकं एकवाक्यं श्री.त् त्रयलोकमल्ल नोलम्ब पल्लव परमनादि देवार ददिरवलिगे शशिरवं वल्लकुण्डे मुनुहं कोनादियु रुमं सुख सत्कथा विनोदि राज्यं गेयु इरे । तत्पद पायोपजीवी समस्त राज्यमार निरूपित महामात्य पदवी विराजमान मानोन्नत्त प्रभु मन्त्रोत्साह शक्तित्रय संपग्न शिवपाद शे पर यतिदित गरूड नामादि समस्त प्रशस्तिसहित श्रीमत् त्रयलोकमल्ल नोलम्ब परमनादि राज्य मनु विष्ठं इरे । शके वरीस ९८६ जय संवत्सरात-द्वेय नेरिलु गुन्डीय कर आदेय दितमाय सूर्य ग्रहणदोलु मल्लीकार्जुन देवरगे गदेक ४०० वेदलेय ४ मम-लिकाप्य काल कचिधारा पूर्वकं आदि कोट गो-शासनं ।
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