________________
चौलुक्य चंद्रिका ]
अतः भारतीयोंने नवीन शासन सुधार योजनाका जन्मकाल सन १९२१ से ही विरोध किया। सर्व प्रकारके आन्दोलन से काम लिया। अन्तमें सरकारका आसन डोला उसकी कुम्भकरणी निद्रा भंग हुई। उसे नव निर्मित "माऊट फर्ड" सुधार योजना में परिवर्तन की आवश्यकता प्रतीत हुई । इतना होते हुए भी उसने भारतीयोंकी मांग "स्खभाग्य विधान ( Selfdetermination ) की उपेक्षा कर साइमन कमीशन नियुक्त किया। देश के ओरसे छोर पर्यन्त विरोधका बवन्डर उठ गया। गर्म नर्म सबोंने विरोध किया पर कमीशन अपने मार्ग पर अग्रसर होता गया। अन्त में अपनी रिपोर्ट उपस्थित की। रिपोर्टने भारतीय विक्षुब्ध हृदयको और भी विक्षुब्ध बनाया।
___ अन्तमें सरकारको अपनी भूल मालूम हुई। उसने भारतीय और ब्रिटिश प्रतिनिधियोंकी गोलमेज सभा आवाहन किया परन्तु दुर्भाग्य से भारतीय प्रतिनिधियोंका निर्वाचन जनता से न होकर उनकी नियुक्ति सरकार द्वारा हुई । अतः तीनबार गोलमेज सभा होनेपरभी सन्तोषजनक परिणाम नहीं हुआ। गोलमेज सभाकी रिपोर्ट “ साइमन कमीशन" की रिपोर्ट से भी असन्तोषकारक हुई। यदि कुछ हुआ तो वह यह ही कि भारतीय-भारत और ब्रिटिश-भारतके :शासनका एकीकरण स्वीकृत किया गया। एकी करणकी योजना अब राजकीय स्वीकृति प्राप्त कर चुकी है।
प्रस्तुत सुधारके अनुसार अब भारत वर्षकी सरकारका नाम “ Federal Government" संघ सरकार होगा। इसके “ Federal Unit" सांधिक मण्डल दो भागोंमें विभक्त हैं। जिनका नाम भारतीय भारत और ब्रिटिश भारत है। “Federal Legislatature " संघसभा दो भागोंमें बटी है। प्रत्येक शासन सभामें ब्रिटिश भारतको २-३ और भारतीय भारतको लगभग १-३ प्रतिनिधि निर्वाचन करनेका अधिकार है।
भारतीय भारत का सांधिक मंडल आसाम, बंगाल बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश संयुक्त प्रदेश, पंजाब, सीमा प्रदेश, सिन्ध, मद्रास, बम्बई १२ भागोंमें बटा है। प्रत्येक मंडलको अपने आभ्यान्तरिक शासनमें “ Provincial Autonomy" स्वतन्त्र शासन का अधिकार प्राप्त है। योंतो प्रत्येक प्रान्त और मंडलको अपना “ Legis lature " प्राप्त है परन्तु बंगाल बिहार आदि कतिपय प्रान्तोंमें छोटी बड़ी दो धारा सभायें हैं।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com