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पुद्गल की विशिष्ट पर्यायें लेख में बताया जा चुका है कि अब विज्ञान जगत् में शक्ति और पदार्थ दो भिन्न तत्त्व नहीं रह गये हैं, इनकें केवल रूप का ही भेद है। अत: उपर्युक्त पुद्गल की सब पर्यायें विज्ञान की दृष्टि में पदार्थ हैं, यह निस्संकोच कहा जा सकता है। आगे इन पर क्रमशः विचार किया जा रहा है।
तम
जो देखन में बाधक हो और प्रकाश का विरोधी हो, वह तम या अंधकार है-'तमो दृष्टिप्रतिबंधकारणं प्रकाशविरोधि।'
-सर्वार्थसिद्धि, 5.14 कतिपय जैनेतर दार्शनिकों ने अंधकार को वस्तु न मानकर केवल प्रकाश का अभाव माना है, परंतु यह उचित नहीं है क्योंकि यदि ऐसा मान लिया जाय तो यह भी कहा जा सकता है कि प्रकाश भी कोई वस्तु नहीं है, वह तो केवल अंधकार का अभाव है।
विज्ञान भी अंधकार को प्रकाश का अभाव रूप न मानकर पृथक् वस्तु मानता है। विज्ञान के अनुसार अंधकार में भी इन्फ्रा रक्त ताप किरणों (Infra-red heat rays) का सद्भाव है जिनसे बिल्ली और उल्लू की
आँखें तथा कुछ विशिष्ट अचित्रीय पट (Photographic plates) प्रभावित होते हैं। इससे सिद्ध होता है कि अंधकार का अस्तित्व दृश्य प्रकाश (Visible light) से पृथक् है।
व्यतिकरण पट्टियों (Interference Bands) पर यदि गणना यंत्र (Counting machine) चलाया जाय तो काली पट्टी (Dark Band) में से भी प्रकाश विद्युत् रीति से (Photo Electrically) विद्युदणुओं (Electrons) का नि:सरित होना सिद्ध होता है। तात्पर्य यह है कि काली पट्टी