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[10.4] जहाँ मार खाते थे वहाँ तुरंत टेम्परेरी पर चिढ़ शुरू से ही 385 छोड़ देते थे
दुनिया को पहचाना, पाप का... 385 रूठे थे बचपन में एक बार 368 प्रति क्षण दिखाई देता है विकराल... 386 भाभी को दूध ज़्यादा दिया, तब वापस..369 [10.6] विविध प्रकार के भय के उसकी माँ यहाँ पर नहीं है, इसलिए.. 370
सामने... रूठा हुआ इंसान ढूँढता है रिस्पॉन्स 370
मृत्यु का भय, तो ऐसा होता था कि... 387 हिसाब में पता चला, है मात्र नुकसान371
बचपन में लगता था साँप और... 387 लगा कि नुकसान है तो रूठना हुआ.. 372
कल्पना की वजह से भाभी के भूत... 389 फिर से पछतावा न करना पड़े... 372
लोगों ने कहा था इसलिए दिखाई... 389 रूठे हुए इंसान के लिए नहीं खड़ी... 373
शूरवीरता वाला स्वभाव, तो भय का.. 390 कुल मिलाकर यह व्यापार है... 374
आत्म श्रद्धा थी कि 'मुझे कुछ नहीं.. 391 [10.5 ] जाना, जगत् है पोलम्पोल
वे लपटें भूत की नहीं थीं, वे सुलगती..392 देखा रोने-धोने का नाटक 374 सुने हुए ज्ञान के आधार पर वहम 392 भोले दिल वाले, इसलिए पहले तो... 376 बबूल का ढूँठ लगा भूत जैसा 393 लौकिक व्यवहार में ढूँढ निकाली... 376 क्षत्रिय स्वभाव इसीलिए मूल रूप... 393 इन्डियन पज़ल, उसका हल फॉरेन... 377
वे हैं कल्पना के भूत 394 लौकिक तरीके से सही है लेकिन... 378
[10.7] यमराज के भय के सामने पोल बाहर नहीं आती है इसलिए... 379
शोध पूरी दुनिया लौकिक है, इसलिए... 380 मरने वाले के लिए नहीं लेकिन खुद.. 382
यमराज की उल्टी मान्यता सिर्फ... 396 धोखा खाकर दुनिया की पोल... 381 दस साल की उम्र में विचार आते थे.. 396 जाते हैं जमाई की मैयत में लेकिन... 382 कुत्ता रोए इसका मतलब यमराज... 397 उनके बहनोई की चिंता में मैं तो... 383 डरावने फोटो बनाए यमराज के 398 दुनिया का निरीक्षण करके अंत में... 384 सभी को हेल्प हो इसलिए रात की... 398
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