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________________ [10.7] यमराज के भय के सामने शोध एक-एक शब्द अपूर्व, इसीलिए छुटकारा होता है प्रश्नकर्ता : ठीक है, एक नया विचार मिला । 411 I दादाश्री : हमारा एक-एक शब्द नया, अपूर्व होता है । ऐसा, जो पहले कभी सुना न हो, पढ़ा न हो, जाना न हो और तभी छुटकारा होता है, निबेड़ा आता है। वर्ना इस उलझन का कब अंत आए ? जहाँ पर लोग ऐसा ही कहते हैं कि, 'अरे कुत्ता रोया, यमराज आए !' यह कभी मेल खाएगा क्या? कौन से नियम से ऐसा बोलते हैं कि अगर कुत्ता रोया तो यमराज आए हैं? तो मैं इन सभी बातों की स्पष्टता करने आया हूँ । अब यह सब डिमोलिश करो। यह नियमराज ठीक से समझ में आ गया है आपको ? यह सब नियमराज की वजह से हैं, भगवान ने इसे नहीं बनाया है। गॉड इज़ इन एवरी क्रीचर (भगवान हर एक जीव में हैं) भगवान को, वे जैसे हैं वैसे जानो। गॉड इज़ नॉट क्रिएटर ऑफ दिस वर्ल्ड एट ऑल (भगवान इस दुनिया के रचयिता नहीं हैं ), ओनली साइन्टिफिक सरकमस्टेन्शियल एविडेन्स (मात्र वैज्ञानिक संयोगिक प्रमाण) हैं ! मैं यह देखकर बता रहा हूँ, किसी शास्त्र की बात नहीं कर रहा हूँ । देखी हुई बात अच्छी है या शास्त्र की बात अच्छी ? प्रश्नकर्ता: देखी हुई । दादाश्री : हं... शास्त्र में तो न जाने कितने परिवर्तन हो गए हैं उसका क्या पता चले ?
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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